कूंपावत राठौड़ों का वृहत् इतिहास (भाग 1, 2) : मारवाड़ के महाभारत (सुमेल गिर्री) के महायोद्धा राव कूंपा मेहराजोत एवं उसके वंशज कूंपावत राठौड़ों की मारवाड़ के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं। इस कुल के वीरों ने जोधपुर राज्य के विभिन्न पदों पर रहते हुए जिस स्वामीभक्ति और वीरता का प्रदर्शन किया वह अप्रतिम है। साथ ही सदैव क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुए अपनी सत्यनिष्ठता व कत्र्तव्य परायणता से कुल गौरव को समुज्ज्वल कर समाज पर अमिट छाप छोड़ी तथा ऐसे इतिहास का निर्माण किया, जिस पर आने वाली पीढ़ियां गर्व कर सकें। सुमेल गिर्री के युद्ध से लेकर सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम तक तीन सौ वर्षो से भी अधिक समय तक का इतिहास कूंपावत कुल के वीरों की आन-बान, शौर्यपराक्रम व बलिदानी गाथाओं से गुंजायमान है। यह गौरवशाली इतिहास केवल कूंपावत राठौड़ों के लिए ही नहीं, समस्त क्षत्रियों के लिए प्रेरणादायी व अनुकरणीय है।
Kumpawat Rathoron ka Vrihat Itihas (vol. 1, 2)
कूंपावत राठौड़ों का वृहत् इतिहास (भाग 1, 2)
Author : Bheem Singh Chauhan, Vikram Singh Rathore
Language : Hindi
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP
₹1,200.00
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