खेतड़ी का इतिहास : जयपुर रियासत के दो बड़े ठिकाने हैं – सीकर और खेतड़ी। स्वामी विवेकानंद के आश्रय स्थल खेतड़ी के विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न विद्यानुरागी एवं गुणग्राही नरेश स्वर्गवासी राजा अजीतसिंह जी बहादुर ने अपने वंश का इतिहास लिखवाकर प्रकाशित करने का विचार किया था। किन्तु उनका विचार उनके साथ ही चला गया। उनके मेघावी पुत्र राजा जयसिंह जी बहादुर को भी कुटिल काल ने पिता की अपूर्ण इच्छाओं को पूर्ण करने का अवसर न दिया। प्रस्तुत पुस्तक “खेतड़ी का इतिहास” पं. झाबरमल्ल शर्मा द्वारा लिखा गया है। इसमें राव भोजराज जी के वंशधरों के बिखरे इतिहास को सम्मिलित किया गया है। इसके साथ ही शेष प्रमुख शेखावत वीरों के वंशजों का विवरण भी इसमें प्रकाशित किया है। जयपुर और जयपुर के भाई बेटों का पिता-पुत्र का सम्बन्ध है। शेखावाटी जयपुर का एक प्रधान अंग है। शेखावत सदा से शूरवीर, साहसी और बलवान होते चले आये है। इनके कई ख्यातनामा वीर और नीतिज्ञों ने कछवाहा वंश का सिर ऊँचा किया है। खेतड़ी का अधिपत्य शेखावाटी और तोरावाटी दोनों भागों में था। आमेर राजवंश की शेखावत शाखा के प्रारम्भ से लेकर खेतड़ी के राव भोजराज से राजा सरदारसिंह तक का इतिहास इस पुस्तक में प्रकाशित किया है।
Khetri ka Itihas
खेतड़ी का इतिहास
Author : Jhabarmal Sharma
Language : Hindi
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹150.00
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