पृथ्वीराज रासो
महाकवि चन्द बरदाई कृत
रासो साहित्य में महाकवि चन्द बरदाई कृत पृथ्वीराज रासो सर्वश्रेष्ठ काव्य रचना है। उसके लिये यह कहना उचित ही होगा कि उसका स्वरूप समय-समय पर परिवर्द्धित होता रहा है, जिससे भाषा के आधार पर उसके रचनाकाल का निर्णय करने में अनेक उलझने उत्पन्न होती है। इतना होते हुए भी काव्य की दृष्टि से वह बहुत ही प्रौढ़ रचना है। ऐसे महत्त्वपूर्ण महाकाव्य का अनुवाद और संपादन का कार्य कविराव मोहनसिंह जैसे विद्वत व्यक्तित्व वाला व्यक्ति ही कर सकता था। कविराव मोहनसिंह ने न केवल ग्रंथ का संपादन किया बल्कि शब्दार्थ तथा हिन्दी अनुवाद कर ग्रंथ को आम पाठकों तक चार खण्डों में सुलभ कराया। Prithviraj Chauhan, Rajput (Prithviraj Raso Chand Bardai)
इस पुस्तक को पढ़ने में चौहान जाति को अपने पूर्वजों के कृत्यों पर गौरव का अनुभव होगा, अन्य लोगों को भी चौहान जाति को जानने का मौका मिलेगा।
in fact उल्लेखनीय है कि आज भी गजनी शहर में बादशाह गौरी की कब्र के साथ सम्राट पृथ्वीराज तथा कवि चंद बरदाई की समाधियाँ मौजूद है, जो उस ऐतिहासिक घटना की मूक गवाह हैं।
accordingly social media and interviews (Prithviraj Raso Chand Bardai)
also 26 मई • अभिनेता अक्षय कुमार और नवोदित मानुषी छिल्लर ने विभिन्न सोशल मीडिया द्वारा यह खुलासा किया कि वे महान योद्धा राजा के जीवन और सौहसी व्यक्तित्व को समझने के लिए सम्राट पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंद बरदाई द्वारा लिखी गई महाकाव्य कविता ‘पृथ्वीराज रासो’ पर बहुत अधिक निर्भर थे। अक्षय कहते हैं:’जब आप पृथ्वीराज की तरह एक ऐतिहासिक बनने के लिए तैयार होते हैं. जो एक शक्तिशाली योद्धा के जीवन और साहसी व्यक्तित्व पर आधारित है, जिसने अपनी मातृभूमि और देशवासियों की रक्षा के लिए अपना जीवन त्याग दिया, तो आपको पूरी तरह से सुनिश्चित होना चाहिए कि आप उनके जीवन और समय के लिए प्रामाणिक हैं।
(Prithviraj Raso Chand Bardai)
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