संस्कृत साहित्य में पृथ्वीराज चरित्र : भारतीय इतिहास के अन्तिम महान् हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर तत्युगीन संस्कृत ग्रन्थों का उपयोग कर तथ्यपरक ढंग से किया गया वह महत्वपूर्ण शोध कार्य है। इस कृति में संस्कृत ग्रन्थों-पृथ्वीराजविजयमहाकाव्यम्, हम्मीर महाकाव्य, सुर्जनचरित महाकाव्यम् एवं संयोगिता स्वयम्बरम्, फारसी ग्रन्थों-ताजुल मासिर, तबकात-ए-नासिरी, तारीख-ए-फरिश्ता एवं हिन्दी ग्रन्थों-पृथ्वीराजरासों व आल्हाखण्ड जैसी महत्वपूर्ण कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर पृथ्वीराज चौहान के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं चरित्र को शोधपरक ढंग से सामने लाने का प्रयास किया है।
यह शोध एक ऐसा महत्वपूर्ण शोधकार्य है, जो संस्कृत, इतिहास एवं हिन्दी के छात्रों, शोधार्थियों शिक्षकों एवं जिज्ञासु पाठकों के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित होगा।
इस शोधकार्य की सर्वप्रमुख विशेषता तो यह है कि इसकी भाषा शैली सहज, सरल एवं बोधगम्य है। तथ्यों की खोज प्रणाली वैज्ञानिक है मगर तथ्यों के प्रस्तुतीकरण में रोचकता है।
आशा है कि पुस्तक पृथ्वीराज चौहान संबंधी समस्त जिज्ञासुओं का समाधान प्रस्तुत करने में समर्थ सिद्ध होगी।
Reviews
There are no reviews yet.