Dr. Bhimrao Ambedkar Ne Dharma Parivartan Kyon Kiya

डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने धर्म परिवर्तन क्यों किया
Author : Mohanlal Jod
Language : Hindi
Edition : 2009
ISBN : NA
Publisher : RG GROUP

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डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने धर्म परिवर्तन क्यों किया : पंडित नेहरू ने कहा था – “डॉ. अम्बेडकर हिन्दू धर्म में उत्पीड़न के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक माने जायेंगे।” डॉ. अम्बेडकर सामाजिक क्रांतिकारी थे। उनका कहना था – “केवल जीवित रहने में कोई विशेष बात नहीं हैं। मुख्य बात जीवित रहने के स्तर की है। कोई व्यक्ति दास बन कर रह सकता है। कोई संघर्ष करते हुए जीवित रहता है।” वे दलितों और शोषितों की दीन हीन स्थिति में परिवर्तन लाना चाहते थे। वे एक ऐसे पथ की कल्पना कर रहे थे, जहाँ शोषित पीड़ित वर्गों को समानता मिलें। इसीलिए अपने जीवन के सांध्यकाल में उन्होंने हिन्दू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया। जहाँ मनुष्य के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाता है। उनका कथन था – “समता, स्वतंत्रता एवं बन्धुत्व पर आधारित जीवन का नाम लोकतंत्र है।”

भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बरेडकर द्वारा जिस समत्व दर्शन का परिणाम, उनका बौद्ध दर्शन को अपनाना है, वहां भी आजकल पुरोहितवाद जन्म ले रहा है। आग्रह निर्मित हो रहे है। हठवादिता उदय हो रही है, जिन्हें उन्होंने अपने विवेक, ज्ञान एवं बुद्धि कौशल से उखाड़ने को योजना कार्यान्वित की, यदि उनका समावेश उनके पक्षधरों अनुयायियों में होता है, तो समता तत्व मानव जीवन का दर्शन कैसे बन पायेगा और कैसे व्यवहारिक रूप ले लेगा, यह अभी भी खोज का विषय है। डॉ. अम्बेडकर के अनुयायियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

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