राजस्थानी लोक साहित्य का सैद्धान्तिक विवेचन : राजस्थानी लोक-साहित्य की समस्त विधाओं पर सम्यक् एवं सर्वांगीण रूप से प्रकाश डालने वाली एक मात्र प्रामाणिक पुस्तक। इसमें लेखक द्वारा राजस्थानी जनजीवन के धरातल पर स्थित होकर राजस्थानी लोक में प्रचलित विधाओं के आन्तरिक वर्गीकरण के साथ-साथ लोक साहित्य के वैज्ञानिक वर्गीकरण का संबल ग्रहण करते हुए सभी विधाओं की विपुल सामग्री को सोदाहरण वर्गीकृत किया गया है। अन्यान्य प्रदेशों के विद्वान, अनुसंधित्सु एवं पाठक भी राजस्थान की सांस्कृतिक जीवन पद्धति को जान सकें, इस उद्देश्य से संबंधित प्रसंगों की संपूर्ण एवं विशद जानकारी दी गई है। सामाजिक मर्यादाओं, मान्यताओं के साथ सांस्कृतिक मूल्यों को उद्घाटित करना लेखक का लक्ष्य रहा है। यह पुस्तक पाठकों को भारतीय संस्कृति की समग्रता से परिचित कराने में सहायक सिद्ध होगी। इसमें हँसता-खेलता, आदर्श परम्पराओं एवं मर्यादाओं का निर्वाह करता, विभिन्न संस्कार सम्पन्न करता, भावी पीढ़ी को प्रादेशिक चारित्र्य की शिक्षा प्रदान करता एवं साथ ही अत्यंत सहज रूप से मानव-मूल्यों की स्थापना करता राजस्थानी जन-जीवन मुखरित है। परम्परा-पोषित लोक-साहित्य वैज्ञानिक आविष्कारों एवं उपलब्धियों से प्रभावित होकर वर्तमान में किस रूप में प्रचलित है, इसे भी सोदाहरण उद्घाटित करना लेखक का अभीष्ट रहा है। इस प्रकार यह ग्रंथ तब और अब के लोक मानस की विचार-सरिणयों को उजागर करने के महत्कृत्य को सम्पन्न करता प्रतीत होता है।
Rajasthani Lok Sahitya Ka Saidhantik Vivechan
राजस्थानी लोक साहित्य का सैद्धान्तिक विवेचन
Author : Sohandan Charan
Language : Hindi
Edition : 2018
ISBN : 9789385593116
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹319.00
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