मेड़तियों के गौरव गीत : मेड़तियों के गौरव गीत सम्पूर्ण भारत वर्ष के वांड्मय का केसरिया व गौरवमय अध्याय है। यह न प्रशस्तिपरक है न अन्यथा अतिशयोक्ति से चित्रित। वे विकट परिस्थितियाँ ही प्रशस्ति करवाती हैं। जयमल सरीखे अनगिनत वीरों ने अपने स्याम धरमी विरुद को संजीवन रखा। मध्यकालीन भारत की परिस्थितियाँ विकराल भी कितनी थी, सम्पूर्ण प्रयास के बावजूद भी जय इस ओर न आ सकी। परन्तु मरण का वरण कर उन्होंने उस विरुद की पवित्रता को बचा लिया। शत्रु सेना से घिर जाने पर केसरिया पाग बाँधकर तुलसी मँजरी फेंटें में खोंसकर गंगाजल का आचमन कर कसूंबा पीकर वे वीर सब सांसारिक ऐश्वर्य को विस्मृत कर देते थे। कर्त्तव्य के सम्मुख ममता को इस तरफ ठेल देने का चयन और त्याग की पराकाष्ठा में उनका सानी कोई दिखता तो नहीं, महिलाओं में उसी मरण के वरण की तड़फ को विश्व इतिहास में सदैव जौहर के रूप में स्मृत रखा जायेगा।
Mertiyon ke Gaurav Geet
मेड़तियों के गौरव गीत
Author : Jaypal Singh Rathore
Language : Hindi
ISBN : 9789385593796
Edition : 2019
Publisher : RG GROUP
₹800.00
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