राजस्थानी भाषा एवं साहित्य | Rajasthani Bhasha evam Sahitya

Author: Kalyan Singh Shekhawat
Language: Hindi

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राजस्थानी भासा अर साहित्य रौ जुगां जूनौ अंजस जोग इतियास रैयो है। आदिकाल सूं लेय‘र अबार तांई रौ राजस्थानी भासा रौ साहित्य आपरै बगत नै ध्वनित करणै रौ माध्यम बणतौ रैयौ है। आ भासा हर दीठ सूं सिमरधतता री कसौटी माथै सौ टंच खरी उतरती रैयी है। राजस्थान प्रांत रा रैवासियां सारू दुरभाग री बात आ रैयी है कै इण सिमरध भासा नै आपणै संविधान में मानता नीं मिळी है। राजस्थान रा लगैटगै सगळा विश्वविद्यालयां अर स्कूली पढ़ाई में राजस्थानी साहित्य नै बतौर विसय नै व्याख्याता पात्रता री परीक्षा नेट में सामल कर लियौ हौ अर राज्य दरजै री परीक्षा सैट में ई राजस्थानी विसय सामल है। स्कूल व्याख्याता री भरतियां में थोडी-घणी सीट इण विसय रै पांती आवै। राजस्थानी भासा रै साहित्य री पोथियां री दर ई कमी नीं है। पण आजकल री परीक्षावां में सवाल पूछण रा तौर तरीका बदळ गिया है। इण सारू पढेसरियां री जरूरत नै दीठ में राखतां थकां औ संकलन आपरै सांमी पेस करीज्यौ है जिणमें नेट रै पाठ्यक्रम नै आधार बणावतां थकां पाठ लिखीज्या है अर हरेक पाठ रै पछै उणसूं आवण वाळा सवालां री प्रस्नावली मांडीजी है। इणसूं पढेसियां नै उण अध्याय रै सवालां बाबत अेक पुखता दीठ बणावण में मदत मिलैला अर उणारै सांमी अेकठ सामग्री री समस्या ई नीं रैवैला।

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