इतिहास के पन्नों में मेहतर, वाल्मीकि एवं चाण्डाल : “इतिहास के पन्नों में मेहतर, वाल्मीकि एवं चाण्डाल” के लेखन का मैं वर्षों से प्रयास कर रहा था। एक ऐसा विषय जिस पर इतिहास एवं साहित्य में बहुत ही कम लिखा गया। जिस प्रकार जातियों में मेहतर अति अछूत है, उसी तरह लेखन के क्षेत्र में यह विषय भी अछूत सा रहा। चूंकि मैं स्वयं एक अछूत मेहतर हूं। अतः इस विषय पर लिखने का मैं साहस कर सका। लेखन का यह मेरा प्रथम प्रयास है। मेहतर समाज की उत्पत्ति कैसे हुई ? मेहतरों की दशा इस देश में कैसी है ? उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए हम क्या कर रहे है ? कहीं ऐसा न हो कि घृणा एवं तिरस्कार की भावना उन्हें हिन्दू समाज से अलग-थलग होने को मजबूर न कर दें। आओ हम सब मिलकर गाँधीजी के स्वप्न को साकार बनाये। छूआ-छूत के कलंक को जड़-मूल से मिटा दें। भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाये।
Itihas ke Pannon mein Mehtar, Valmiki evam Chaandal
इतिहास के पन्नों में मेहतर, वाल्मीकि एवं चाण्डाल
Author : Nemichand Boyat
Language : Hindi
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