Chauhan Kul Kalpdrum (Vol. 1, 2)

चौहान कुल कल्पद्रुम (भाग 1, 2)
Author : Lallubhai Bhim Bhai Desai
Language : Hindi
ISBN : 9789384168964, 9789384168957
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP

1,500.00

चौहान कुल कल्पद्रुम (भाग 1, 2) : चौहान राजपूतों की शाखाओं का इतिहास एवं वंश वृक्ष : राजस्थान के इतिहास के निर्माण और विकास को सुदीर्घ परम्परा में चौहान राजवंश की उपलब्धियाँ अत्यंत गौरवशाली रही हैं, जिनकी बिखरी हुई ऐतिहासिक सामग्री को एकत्र कर लेखक ने ‘चौहान कुल कल्पद्रुम’ नामक इस अद्वितीय एवं महान् ग्रंथ की रचना की है। इस ग्रंथ में चौहान वंश के आदि महापुरुष चाहमान से लेकर वर्तमान समय तक का इतिहास अंकित हुआ है, जिसके अंतर्गत छत्तीस, राजकुलों के मध्य चौहान क्षत्रियों की वीरता, स्वाभिमानप्रियता, देशभक्ति और लोकसेवा की विशिष्टता और महत्ता का इतिहासम्मत प्रामाणिक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। वस्तुतः यह ग्रंथ चौहान राजवंश का अक्षय ‘कल्पद्रुम’ है, जिसकी जड़ों में चौहान कुल का तेज और वर्चस्व अभिसंचित है तथा जिसकी अनेकानेक शाखा-प्रशाखाएँ विविध रूपों में पल्लवित एवं विकसित होकर आज भी अपनी कीर्तिकौमुदी का विस्तार कर रही हैं। लेखक ने अपनी शोधदृष्टि, सच्ची लगन, अपूर्व अध्यवसाय एवं विवेकशक्ति के बल पर प्राचीन शिलालेखों, ताम्रपत्रों हस्तलिखित ख्यातों, काव्यकृतियों तथा विद्वान-मनीषियों की मुद्रित तथा अमुद्रित रचनाओं का आलोड़न-विलोड़न तथा मंथन करने के पश्चात् चौहान कुल का जो ‘कल्पद्रुम’ प्रतिष्ठित किया है, वह निस्संदेह अभिनंदनीय एवं श्लाघनीय है। इस ग्रंथ के निर्माण में इस वंश से सम्बन्धित ऐतिहासिक वीरगीतों तथा पुरानी बहियों से भी सहायता ली गई, जिनमें चौहान वंश का चौबीस शाखाओं का विस्तृत विवरण विद्यमान है।

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