चाहिए पातल जैसा मुल्क का रखवाला।
सर प्रताप : जीवनी, महत्व व देन : युग पुरुष के व्यक्तित्व की छाप उसके समकालीन युग पर होती है। यदा-कदा ऐसे विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व जन्म लेते हैं, जिनके कृतित्व का प्रभाव आगे आने वाले अनेक युगों पर पड़ता है। मारवाड़ के यशस्वी सपूत सर प्रताप ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे जिनके कार्यों ने न केवल मारवाड़ और समस्त राजस्थान को ही प्रभावित किया बल्कि इंग्लैण्ड तक लोग इस विराट पुरुष के प्रभाव से चमत्कृत हुए बिना न रह सकें। जोधपुर के राजाओं की चार पीढ़ियों तक मारवाड़ के आधुनिकीकरण में संलग्न रहने वाले सर प्रताप अपने प्रशासनिक नवीनीकरण, समाज के क्षेत्र में आगे आने वाले समय के अनुकूल सुधारों, शैक्षणिक सुधारों तथा सैनिक दृष्टि से किये गये कार्यों के कारण सदैव अमर रहेंगे। प्रस्तुत ग्रन्थ ‘सर प्रताप जीवनी, महत्व व देन’ के लेखक डॉ. विक्रम सिंह राठौड़ ने स्वयं सर प्रताप द्वारा लिखित जीवन चरित्र और आर. बी. वेनवर्ट द्वारा इस विषय पर लिखी गई पुस्तकों की अपेक्षा अधिक गहरी सूझ और शोध परख दृष्टि से अपने ग्रंथ का प्रणयन किया है। गूढ़ तथ्यों को सारगर्भित, सटीक किन्तु सरल शब्दावली में प्रस्तुत करने से ग्रन्थ की उपयोगिता बढ़ गई है।
सर प्रताप से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण राजस्थानी काव्य और अन्य उपयोगी परिशिष्टीय सामग्री तथा अनेक दुर्लभ चित्रों ने ग्रन्थ के महत्त्व में चार चांद लगा दिये हैं। मारवाड़ के गाँव-गाँव, ढ़ाणी-ढ़ाणी में सर प्रताप से सम्बन्धित रोचक बातों के समावेश से भी डॉ. विक्रमसिंह ने ग्रन्थ की विश्वसनीयता और रोचकता में श्री वृद्धि की है। निश्चित रूप से प्रस्तुत ग्रन्थ मारवाड़ी संस्कृति के आदर्श पुरुष सर प्रताप सिंह जी के विराट व्यक्तित्व में रुचि रखने वाले ग्रामीण आँचल के साधारण व्यक्ति से इतिहास और संस्कृति के गहन गंभीर अध्येता के लिये समान रूप से रुचिकर और सहेज कर रखने योग्य सिद्ध होगा।
Reviews
There are no reviews yet.