स्वामी विवेकानन्द की मानस पुत्री भगिनी निवेदिता का भारतीय चिंतन : स्वामी विवेकानन्द की चूड़ान्त देशभक्ति, हतश्री मातृभूमि के लिए उनकी व्यथा एवं उसके पुनरुद्धार के लिये किये गये आह्नान से प्रेरित होकर उनके मिशन के साथ जुड़े लोगों में भगिनी निवेदिता का स्थान अनन्य है। मूलतः सत्यान्वेषी भगिनी को अपने मन को मथने वाली जिज्ञासाओं का समाधान स्वामीजी से ही प्राप्त हुआ और एक प्रबल प्रेरणा उन्हें गुरुदेव के देश में खींच लायी।
उनकी बौद्धिक तेजस्विता, वाग्मिता भी अद्भुत थी और विविध विषयों के गहन अध्ययन से प्राप्त विलक्षणता का उपयोग उन्होंने भारतीय समाज के अध्यन व भारतीयों के मार्गदर्शन के लिये किया। स्वामीजी की मानस पुत्री के रूप में ही नहीं, गहरी सूझ-बूझ व अन्तर्दृष्टि वाले चिन्तक के रूप में आधुनिक भारतीय सामाजिक व राजनीतिक चिन्तन भण्डार को उन्होंने समृद्ध किया। प्रस्तुत पुस्तक उनके बहुआयामी चिन्तन के विश्लेषण का प्रयास है। ऐसा चिन्तन जिसकी इयत्ताएँ बहुत विस्तृत हैं। जन्मना विदेशी होते हुए भी उन्होंने भारतीय समाज, इतिहास, धर्म, कला आदि को पूर्वाग्रह से मुक्त होकर एक समाजशास्त्री की दृष्टि से परखकर जो निष्कर्ष प्रस्तुत किये; वे अपनी मौलिकता एवं प्रकट स्वरूपों के पीछे कार्यरत शक्तियों के विश्लेषण की दृष्टि से अनुपम हैं।
Swami Vivekanand Ki Maanas Putri Bhagini Nivedita Ka Bhartiya Chintan
स्वामी विवेकानन्द की मानस पुत्री भगिनी निवेदिता का भारतीय चिंतन
Author : Kailash Lal Rai ‘Pritam’
Language : Hindi
Edition : 2013
ISBN : 9788186103082
Publisher : Rajasthani Granthagar
₹279.00
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