खोखर वंश का इतिहास व संस्कृति
History and Culture of Khokhar Dynasty (Khokhar Vansh Ka Itihas Va Sanskriti)
accordingly प्रस्तुत पुस्तक खोखर वश का इतिहास व सस्कृति के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर लिखी गई है हजरत अली से कुतुबशाह खोखर व फतेह शाह खोखर होते हुए वर्तमान खान खोखरों की पन्द्रह गोत्र का सजरा जोड़ा गया हैं।
सिन्ध प्रान्त के खुखरैन द्वीप से खोखर शब्द की उत्पति हुई, खुखरैन से जो लोग भी निकले अपने नाम के साथ खोखर लगाया चाहे वो किसी भी धर्म या जाति के हो। also इस किताब में भारत व विश्व के खोखरों का संक्षिप्त इतिहास समेटा गया है इसके साथ ही 1755 में जब ग्वालियर के मराठा अप्पा राजा सिन्धिया ने राजस्थान के मारवाड़ पर हमला किया तब जोधपुर महाराजा विजयसिंह के कहने पर छावटा कला के गाजी खां खोखर ने कूटनीति से जयअप्पा सिंधिया का वध किया व साथी कानसिंह गहलोत के साथ लड़ते हुए शहीद हुए। तब यह कहावत चली ‘खोखर बड़ा खुराकी खाग्या आपा जैसा डाकि इसके बाद शहीद गाजी खा खोखर के भाई केसर खां खोखर को 14 गाव जागीरी का पट्टा दिया गया। इस घटना का विस्तृत विवरण इस किताब में हैं। Khokhar Vansh Ka Itihas Va Sanskriti
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