केदार-बद्री एडवेंचर
पुस्तक के कुछ अंश में यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि जीवन में संतोष का होना ज्यादा जरुरी है, जिस प्रकार साँरी गाँव के लोग जिनकी जीविका मुख्यत: कृषि कार्यो पर आधारित थी, वे अपने कार्य में मस्त थे, हरेक ग्रामीण के चेहरे पर एक अजीब सी शांति एवं संतुष्टि का भाव था, गाँव के सभी लोग बहुत स्वस्थ थे, उनका खान-पान भी ऑर्गेनिक था और न ही वहा कोई छल-कपट था, गाँव में घरो के ताले नही थे। पर जब में शहर को देखता हु तो लगता है हर कोई भाग रहा है, और जाना कहा है, यह किसी को पता नहीं है, फिर भी पीछे रहने का डर हरेक को सता रहा है। Kedar-Badri Adventure
जंगलो में हमने देखा कि पहले की तुलना में जंगल छितरे हो रहे है, और यदि इसी प्रकार जंगल कम होते रहे तो आने वाले दिनों में पहाड़ कमजोर हो जाएँगे जोकि सबके लिए चिंताजनक है।
वर्ष 2013 से पहले एवं 2013 की त्रासदी के बाद केदारनाथ और गौरीकुंड का नक्शा एवं भूगोल बिल्कुल ही बदल गए थे रास्ता अब 14 km से बढ़कर लगभग 16-20 km हो गया था, सामान्यत: वाहन अब सोनप्रयाग तक ही जाते है और सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने के लिए सभी यात्रियों को छोटे वाहनों में यात्रा करनी पड़ती है जबकि पहले हरेक वाहन सीधे ही गौरी कुंड तक पंहुचता था। Kedar-Badri Adventure
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Rajeev Sharma –
I recently bought and read this book, I liked this book very much, it is written in very simple language and it tells the story of our family’s journey in a very precise tone. If anyone is going or wants to visit Kedar and Badri Vishal, then definitely read this book, it will help you a lot.
rgbooks –
Thank for your review