राजस्थानी कहावतें : ‘कहावते’ अथवा ‘लोकोक्तिया’ शब्दशक्ति का सूत्रमय श्रृंगार है, जिनमें अनुभूतियों का मर्म भिदा रहता है। उनका प्रचार और प्रसार भाषा के उद्भव एवं विकास के साथ-साथ समानांतर गति से होता चला आ रहा है। विश्व की कदाचित् ही कोई ऐसी भाषा हो, जिसमें कहावतों का प्रचलन न मिलता हो। राजस्थानी भाषा भी उसका अपवाद नहीं है।
प्रस्तुत पुस्तक में राजस्थानी भाषा की कहावतों का संकलन अकारादि क्रम से किया गया है, जो केवल संकलन मात्र न होकर उनकी अर्थव्याप्ति तथा प्रासंगिकता भी व्यक्त करता है। उनके विद्वान् सम्पादक ने अपने अनेक वर्षों के परिश्रम तथा अध्यावसाय के बल पर उनका संग्रह किया है, जिनके अध्ययन से पता चलता है कि उन कहावतों में राजस्थान की संस्कृति एवं ज्ञान सम्पदा का अभिव्यंजन कितनी अधिक जीवंतता के साथ सुसम्भव हो सका है। प्रत्येक कहावत की अपनी निजी अस्मिता और क्षमता होती है, जिसका अर्थज्ञान करने के पश्चात् उसे व्यावहारिक रूप में प्रयुक्त किया जाय तो भाषा में चमत्कार, अभिव्यक्ति में सजीवता और अभिप्राय में ताजगी आ जाती है। इस पुस्तक की राजस्थानी कहावतें इन तीनों गुणों से समन्वित हैं, जिनका पठन-पाठन, अध्ययन-अध्यापन और श्रवण-कथन सभी श्रेणियों के जनसमुदाय के लिए अत्यंत ही उपादेय, ज्ञानवर्द्धक और विचारोत्तेजक सिद्ध हो सकता है।
Rajasthani Kahawaten
राजस्थानी कहावतें
Author : Kanhaiyalal Sahal
Language : Hindi
8th Edition : 2022
ISBN : 9788188757299
Publisher : RG GROUP
₹199.00
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