राजस्थान का इतिहास
surely राजस्थान की प्राकृतिक स्थिति में विविधता होते हुए भी एकसूत्रता दिखायी देती है। पर्वत-श्रेणी का सिलसिला, नदियों का बहाव तथा मरुस्थल का फैलाव इसके एक कोने से दूसरे कोने तक प्रसारित होने से समूचे प्रदेश को एकसूत्र में बाँधता है। प्राचीनकाल के राष्ट्रीय संगठन के तत्त्व तथा मध्यकालीन युग का स्वातन्त्र्य-प्रेम राजस्थान के जनजीवन के मुख्य अंग इसीलिए बन पाये कि यहाँ भाषा, धर्म, आचार-विचार के बन्धन दृढ़ रहे और जनजीवन को संकीर्ण दृष्टि से ऊपर उठाने में सफल हुए। also सबसे बड़ी विशेषता भौगोलिक और राजनीतिक सम्बन्ध में यह है कि भौगोलिक स्थिति राजनीतिक सीमाओं के निर्माण में बड़ी सहायक रही है। Rajasthan Ka Itihas Gopinath
all in all पृथ्वीराज चौहान में एक वीर, साहसी और विलक्षण शासक के गुण थे। अपने राज्यकाल के आरम्भ से लेकर अन्त तक वह युद्ध लड़ता रहा जो उसके एक अच्छे सैनिक और सेनाध्यक्ष होने को प्रमाणित करता है। सिवाय तराइन के दूसरे युद्ध के वह सभी युद्धों में विजयश्री का भागी बना जो कम गौरव की बात नहीं है। तराइन के दूसरे युद्ध में वह पराजित हुआ परन्तु इसमें सन्देह नहीं कि युद्धस्थल में वह बड़े लम्बे समय तक लड़ता रहा। बन्दी बन जाने पर भी उसने आत्म-सम्मान को ध्यान में रखते हुए आश्रित शासक बनने की अपेक्षा मृत्यु को प्राथमिकता दी।
another आज भी महाराणा प्रताप के वीर कार्यों की कथाएँ और गीत प्रत्येक राजपूत के हृदय में उत्तेजना पैदा करते हैं। महाराणा का नाम न केवल राजपूताने में अपितु सम्पूर्ण भारतवर्ष में अत्यन्त आदर और श्रद्धा से लिया जाता है। जब तक महाराणा का उज्ज्वल और अमर नाम लोगों को सुनाई पड़ता रहेगा तब तक वह स्वतन्त्रता और देशाभिमान का पाठ पढ़ाता रहेगा। Rajasthan Ka Itihas Gopinath
Rajasthan Ka Itihas by Gopinath Sharma New-Latest Edition (Shivlal Agrawal and Company)
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