मेवाड़ ठिकानों के दस्तावेज : पुरालेखीय स्त्रोत अन्य ऐतिहासिक साधनों से अपेक्षाकृत अधिक विश्वसनीय माने जाते हैं, क्योंकि इनका निर्माण ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया गया है, जो समकालीन होने के साथ उनमें से अनेक तो घटना विशेष के प्रत्यक्ष दृष्टा रहे। प्रस्तुत ग्रन्थ का आधार मूलतः पूर्व जागीरदार परिवारों के पास से उपलब्ध दस्तावेज है। अतः इन्हें ठिकाना रिकार्डस की संज्ञा दी गई है। इन दस्तावेजों का वर्गीकरण स्थानीय रिकार्डस के रूप में भी किया जाता है। किन्तु अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली घटनाओं की प्रतिक्रिया तथा क्षेत्रीय सूचनाओं के आधार पर विभिन्न राज्यों की रीति-नीति जानने का ये अत्यन्त उपयोगी और विश्वसनीय साधन है।
ग्रन्थ में इस वास्तविकता को प्रकट करने का प्रयास किया गया है कि ठिकाना दस्तावेज किसी भी दृष्टि से केन्द्रीय अथवा प्रान्तीय पुरालेखीय कार्यालयों में उपलब्ध दस्तावेजों से कम महत्व के नहीं है। इनका उपयोग भारतीय विशेषतः राजस्थान क्षेत्र के इतिहास लेखन को प्रमाणिक बनाने में आवश्यक है। राजनीतिक इतिहास के साथ सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक आदि विभिन्न विषयों के अध्ययन के लिए ठिकाना रिकार्डस के महत्त्व को उजागर करने का प्रयास प्रस्तुत ग्रन्थ की विशेषता है।
ग्रन्थ के माध्यम से इस पर विद्वानों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है कि इन दस्तावेजों को शीघ्र सुरक्षित करने का प्रभावशाली कदम नहीं उठाया तो यह अमूल्य विरासत शीघ्र ही नष्ट हो जाएगी। जागीरदारी उन्मूलन तथा ठिकानों के महलों/दुर्गों को हेरिटेज होटलों में बदल देने के कारण पूर्व जागीरदार परिवारों को इन दस्तावेजों में दिलचस्पी न के बराबर हो गई है। अनेकों ने तो अपने रिकार्डस को रद्दी के भाव में बचे दिये है। जो रह गये है उनको सुरक्षित रखने पर गम्भीरता से विचार कर उनकी क्रियान्विति की ओर शीघ्र प्रयास हो सके तो ग्रन्थ की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
Mewar Thikano ke Dastavej
मेवाड़ ठिकानों के दस्तावेज
Author : K.S. Gupta
Language : Hindi
ISBN : 9789384168261
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹400.00
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