Nishulk aur Anivarya Baal Shiksha ka Adhikar Adhiniyam 2009 evam Niyam 2010

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं नियम 2010
Auther : Ranish Singhvi
Language : Hindi, English
ISBN : 9788186103098
Edition : 2019
Publisher : RG GROUP

300.00

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं नियम 2010 : संविधान (छियासीवां संशोधन) अधिनियम, 2002 ने भारत के संविधान में अंत: स्‍थापित अनुच्‍छेद 21-क, ऐसे ढंग से जैसाकि राज्‍य कानून द्वारा निर्धारित करता है, मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु समूह में सभी बच्‍चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है। नि:शुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम, 2009 में बच्‍चों का अधिकार, जो अनुच्‍छेद 21क के तहत परिणामी विधान का प्रतिनिधित्‍व करता है, का अर्थ है कि औपचारिक स्‍कूल, जो कतिपय अनिवार्य मानदण्‍डों और मानकों को पूरा करता है, में संतोषजनक और एकसमान गुणवत्‍ता वाली पूर्णकालिक प्रांरभिक शिक्षा के लिए प्रत्‍येक बच्‍चे का अधिकार है।
अनुच्‍छेद 21-क और आरटीई अधिनियम 1 अप्रैल, 2010 को लागू हुआ। आरटीई अधिनियम के शीर्षक में ”नि:शुल्‍क और अनिवार्य” शब्‍द सम्मिलित हैं। ‘नि:शुल्‍क शिक्षा’ का तात्‍पर्य यह है कि किसी बच्‍चे जिसको उसके माता-पिता द्वारा स्‍कूल में दाखिल किया गया है, को छोड़कर कोई बच्‍चा, जो उचित सरकार द्वारा समर्थित नहीं है, किसी किस्‍म की फीस या प्रभार या व्‍यय जो प्रारंभिक शिक्षा जारी रखने और पूरा करने से उसको रोके अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नहीं होगा। ‘अनिवार्य शिक्षा’ उचित सरकार और स्‍थानीय प्राधिकारियों पर 6-14 आयु समूह के सभी बच्‍चों को प्रवेश, उपस्थिति और प्रारंभिक शिक्षा को पूरा करने का प्रावधान करने और सुनिश्चित करने की बाध्‍यता रखती है। इससे भारत अधिकार आधारित ढांचे के लिए आगे बढ़ा है जो आरटीई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संविधान के अनुच्‍छेद 21-क में यथा प्रतिष्‍ठापित बच्‍चे के इस मौलिक अधिकार को क्रियान्वित करने के लिए केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों पर कानूनी बाध्‍यता रखता है।

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