‘राजस्थानी राग-रस-रंग’ में राजस्थानी लोक-संगीत के पारिभाषिक शब्दों तथा लोक-संगीत की विभिन्न विधाओं का संकलन और उनका विवेचन किया गया है, जो शोधार्थियों व जिज्ञासुओं के लिए तो उपयोगी है ही, साथ ही इससे राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भी संभव होगा। इसके अलावा डॉ. आनंद ने राजस्थानी रंग की कई रंजक विधाओं का संकलन भी किया है, जो चाहे आज उतनी व्यवहार में नहीं हैं, परंतु वह हमारी विरासत है और उसे जानना रुचिस्पद और प्रेरक दोनों है। प्रस्तुत पुस्तक में ‘हेड़ाऊ मैहरी रम्मत’ का प्रकाशन भी किया गया है। राजस्थान के लोकनाट्यों में होली के समय खेली जाने वाली बीकानेर की रम्मतें अपना विशेष स्थान रखती हैं, जिनमें हेड़ाऊ मैहरी की रम्मत सर्वाधिक प्राचीन है। डॉ. रामेश्वर ‘आनंद’ ने हेड़ाऊ मैहरी रम्मत सम्बन्धी ऐतिहासिक तथ्यों एवं गीत-संगीत व मंचन सम्बन्धी पक्षों को शोधपूर्वक प्रस्तुत किया है। बीकानेर में रम्मतों का आयोजन एक सामाजिक-धार्मिक अनुष्ठान के रूप में होता है, अतः वे केवल मनोरंजन नहीं अपितु बीकानेर की एक पहचान हैं। आशा है इस ग्रंथ के माध्यम से राजस्थान की लोक-सांगीतिक विरासत को सहेजने का यह प्रयास पाठकों को पसंद आएगा, आपकी प्रतिक्रिया हमारा उत्साहवर्द्धन करेगी।
Rajasthani Raag Ras Rang
राजस्थानी राग रस रंग
Author : Rajeshwar Aanand Soni
Language : Hindi
ISBN : 9788189302337
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹399.00
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