हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति क्रमिक पुस्तक मालिका (भाग 1)
क्रमिक पुस्तक मालिका भाग एक का हिन्दी अनुवाद संगीत के सुधी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है। मूल पुस्तक मराठी भाषा में है। यह भाग न केवल विद्यार्थियों के लिए अपितु संगीत शिक्षकों के लिए भी बड़ी उपयोगी सिद्ध हुई। surely विद्यार्थियों में स्वर, लय और ताल की नींव निर्माण करने में यह पुस्तक बहुत लाभप्रद हुई है। Hindustani Sangeet Paddhati Kramik-Pustak-Malika
accordingly इस पुस्तक में सर्वप्रथम स्वर- बोध खण्ड के अन्तर्गत स्वराभास की प्रारम्भिक विधि बताई गई है। फिर बीस अलंकारों की रूप-रेखा दी गई है। पाठ 7 से 9 तक शुद्ध और विकृत स्वरों का अभ्यासक्रम सोदाहरण समझाया गया है। स्वरों के अभ्यास क्रम में मनोवैज्ञानिक शिक्षण के आधार पर पहले एक विकृत स्वर और उसके बाद धीरे-धीरे विकृत स्वरों की संख्या बढ़ाकर उदाहरण दिये गये हैं। दसवें पाठ में मात्रा और मात्रांश की शिक्षा, विद्यार्थियों को किस प्रकार की जाय, बताई गई है।
Hindustani Sangeet Paddhati Kramik Pustak Malika-1
also पुस्तक का द्वितीय खण्ड राग – बोध है। इसमें क्रमानुसार दसो थाटों और आश्रय – रागों के स्वर, संक्षिप्त परिचय, प्रत्येक में सरगम और दो-दो बंदिशें दी गई हैं। इस प्रकार से यह पुस्तक प्रारम्भिक विद्यार्थियों में शास्त्रीय संगीत का बीजारोपण करने में बहुत सहायक सिद्ध हुई है।
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे (Hindustani Sangeet Paddhati Kramik-Pustak-Malika)
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विद्वान थे। आधुनिक भारत में शास्त्रीय संगीत के पुनर्जागरण के अग्रदूत हैं जिन्होंने शास्त्रिय संगीत के विकास के लिए भातखंडे संगीत-शास्त्र की रचना की तथा कई संस्थाएँ तथा शिक्षा केन्द्र स्थापित किए। इन्होंने इस संगीत पर प्रथम आधुनिक टीका लिखी थी। उन्होने संगीतशास्त्र पर “हिंदुस्तानी संगीत पद्धति” नामक ग्रन्थ चार भागों में प्रकाशित किया और ध्रुपद, धमार, तथा ख्यात का संग्रह करके “क्रमिकपुस्तकमालिका” नामक ग्रंथ छह भागों में प्रकाशित किया।
संगीत कला पर इन्होंने कई पुस्तकें लिखीं जिसमें प्रमुख हैं- भातखंडे संगीत-शास्त्र के चार भाग और क्रमिक पुस्तक-मालिका के छह भाग”। इन भागों में हिन्दुस्तान के पुराने उस्तादों की घरानेदार चीज़ें स्वरलिपिबद्ध करके प्रकाशित की गई है।
click >> अन्य सम्बन्धित पुस्तकें
click >> YouTube कहानियाँ
Reviews
There are no reviews yet.