महाराणा कुम्भा की भारतीय संगीत को देन : भारतीय संगीतकला के क्षेत्र में महाराणा प्रताप का योगदान अद्भुत, अद्वितीय एवं उत्कृष्ट कोटि का माना जाता है, जिसके विशद विवेचन की ओर बहुत कम ध्यान दिया गया है। उनके व्यक्तित्व का वर्चस्व केवल युद्धकौशल और पराक्रम तक ही सीमित नहीं था अपितु उन्होंने अपनी संगीत साधना के बल पर संगीत-शास्त्र जैसे गम्भीर एवं आनंदवर्द्धक विषय को भी अपने पाण्डित्यपूर्ण कृतित्व द्वारा सुसमृद्ध तथा गौरवशाली बनाया था। ‘भारतीय संगीत को महाराणा कुंभा की देन’ शीर्षक यह शोधकार्य अनेक दृष्टियों से अत्यंत ही उपादेय एवं रुचिवर्द्धक कहा जा सकता है, जिसे संगीतप्रेमी साधकों तथा इतिहासप्रेमी अध्येताओं को लाभान्वित करने के उद्देश्य से ही प्रस्तुत ग्रंथ का प्रकाशन किया जा रहा है। इस दिशा में यह ग्रंथ निश्चय ही नवीनतम, मौलिक तथा ज्ञाताज्ञात तथ्यों की प्रामाणिक विवेचना करता है, जिसके प्रारम्भ में ‘मेवाड़ में संगीत की प्रारम्भिक पृष्ठभूमि’ के संदर्भ में महाराणा कुंभा का ऐतिहासिक वृत्तांत प्रस्तुत किया गया है। इसका द्वितीय अध्याय कुंभा के कृतित्व का परिचय तथा उसकी प्रामाणिक जानकारी कराता है। तदनंतर इसमें कुंभाकृत ‘संगीतराज’ ग्रंथ का संगीतशास्त्रीय महत्व प्रतिपादित करते हुए विदुषी लेखिका ने उनकी अन्य कृतियों की भी विवेचना की है, जो अत्यंत ही सन्तुलित एवं सारगर्भित है। ग्रंथ का अंतिम अध्याय कुम्भाकालीन कला में संगीत के तत्त्वों को खोज निकालने की दिशा में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण बन पड़ा है। कुल मिलाकर यह ग्रंथ अपने विषयचयन की महत्ता के साथ-साथ महाराणा कुंभा की संगीतसाधना और उनकी संगीतविषयक शास्त्रीय उपलब्धियों का एक ऐसा संक्षिप्त लघुकोष एवं विचारोत्तेजक शोधकार्य कहा जा सकता है, जो सभी दृष्टियों से पठनीय, संग्रहणीय एवं ज्ञानक्षितिज के विस्तार को व्यापक दृष्टि प्रदान करने वाला है।
Maharana Kumbha ki Bhartiya Sangeet ko Den
महाराणा कुम्भा की भारतीय संगीत को देन
Author : Seema Rathore
Language : Hindi
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP
₹400.00
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