महाकवि कालिदास कृत कुमारसम्भवम् (पंचम सर्ग) : कुमारसम्भव महाकाव्य का पंचम सर्ग कुछ विशिष्ट ही है। पंचम सर्ग का कलापक्ष एवं भावपक्ष दोनों हि अत्यन्त श्रेष्ठ है। पार्वती का मनस्ताप अथवा नैराश्य हो, उसकी उग्रतर होती तपस्या का चित्रण हो; प्रगल्भ ब्रह्मचारी के द्वारा शिव की निन्दा के श्लोक हों अथवा क्रुद्ध होकर भी पार्वती के द्वारा संयमित वाणी में आक्षेपों का सटीक उत्तर हो – सभी कुछ अत्यन्त मार्मिक बन पड़ा है। पार्वती के पूर्वराग और दशाओं का वर्णन हर सहृदय को साश्रुनयन कर देता है।
Mahakavi Kalidas Krit Kumarsambhavam (Pancham Sarg)
महाकवि कालिदास कृत कुमारसम्भवम् (पंचम सर्ग)
(हिन्दी अनुवाद, भावार्थ, संस्कृत व्याख्या, व्याकरणात्मक टिप्पणियां एवं छन्द)
Author : Dr. Priti Prabha Goyal
Language : Hindi, Sanskrit
ISBN : 9789384406547
Edition : 2017
Publisher : RG GROUP
₹100.00
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