Hindi Sahitya Yug Aur Pravartiyan

हिन्दी साहित्य युग और प्रवृत्तियां
Author : Shivkumar Sharma
Language : Hindi
Edition : 2020
ISBN : 9788188757749, 9788188757014
Publisher : RG GROUP

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हिन्दी साहित्य युग और प्रवृत्तियां : हिन्दी साहित्य युग और प्रवृतियाँ के इस संशोधित संस्करण को सुयोग्य पाठकों और मर्मज्ञ विद्वानों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हर्ष और उत्साह का अनुभव हो रहा है। इस रचना में हिन्दी साहित्य के इतिहास के विकासात्मक और प्रवृत्यात्मक, दोनों रूपों को प्रस्तुत किया गया है। वस्तुत: ये दोनों पक्ष एक-दूसरे के पूरक हैं।

इसमें प्रत्येक काल की परिस्थितियों का तत्कालीन साहित्यिक गतिविधियों के साथ सामंजस्य दिखाते हुए प्रत्येक युग के उन प्रतिनिधि लेखकों और उल्लेखनीय समस्याओं का आलोचनात्मक विवेचन कर दिया गया है, जिनका प्राय: उच्चतम कक्षाओं के छात्र वर्ग के साथ संबंध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए संकलनात्मक का आग्रह स्वाभाविक था, किन्तु फिर भी हिन्दी साहित्य के इतिहास की बहुत-सी गम्भीर और बहुगवेषणापेक्ष्य समस्याओं को निजी ढंग से देखा गया और उनके समाधान की चेष्टा की गई है।

मेरी यह भरसक कोशिश रही है की इस दिशा में समन्वयात्मक दृष्टिकोण से विविध मतों को उपन्यस्त कर प्रमाणिक और सर्व-स्वीकृत निष्कर्षों का उपस्थापन किया जाए। इतिहास के इस धर्म को मैं कितना निभा पाया हूँ, इसका निर्णय इतिहास के अधिकारी विद्वानों के नीर-क्षीर विवेक पर आधारित है।

पुस्तक में हिन्दी से पूर्वतर भाषाओं के साहित्य की ऐतिहासिक परम्परा, हिन्दी साहित्य पर संस्कृत, फारसी व उर्दू तथा अंग्रेजी साहित्य के प्रभावों की चर्चा की गई है, जो की हिन्दी साहित्य के समग्र अवबोध के लिए आवश्यक है। लेखक को इस प्रयास में कितनी सफलता मिली है, इसका निर्णय सुधी-वर्ग की गुण-ग्राहकता और विज्ञ पाठकों के विवेक पर निर्भर करेगा।

इस संस्करण में विशेषता आधुनिक काल को यथासंभव अधुनातन रूप देने का प्रयास किया गया है। अन्य कालों में इतिहास के कुछ प्रश्नों को, नये सन्दर्भों में रख कर उनके समीक्षात्मक हल खोजने का प्रयास किया गया है। आधुनिक काल में अनापेक्षित नयी सामग्री को जुटाया गया है।

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