राजस्थान की रजत बूंदे : कहते हैं…
मरुभूमि के समाज को श्रीकृष्ण ने वरदान दिया कि यहाँ कभी जल का अकाल नहीं रहेगा। प्रसंग महाभारत युद्ध समाप्त होने का है।
लेकिन मरुभूमि का समाज इस वरदान को पाकर हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ गया। उसने अपने को पानी के मामले में तरह-तरह से संगठित किया। गांव-गांव, शहर-शहर वर्षा की बूंदों को सहेजकर रखने के तरीके खोजे और जगह-जगह इनको बनाने का एक बहुत ही व्यावहारिक, व्यवस्थित और विशाल संगठन खड़ा किया। इतन विशाल कि पूरा समाज उसमें एक जी हो गया।
इसका आकार इतना बड़ा कि वह सचमुच निराकार हो गया। मरुभूमि के समाज ने भगवान के वरदान को एक आदेश की तरह शिरोधार्य कर लिया।
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