बूंदी के शिलालेख (ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन) : बून्दी राज्य में प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास व संस्कृति की पहचान से सम्बन्धित शिलालेखों की कोई कमी नही हैं। बून्दी के इतिहास के लिए सर्वोत्तम साधन यहाँ के शिलालेख हैं। यहाँ के पाषाणों पर उकेरे इतिहास से अतीत का विगत मुखर हुआ हैं। शिलालेख-साक्ष्य इतिहास के वास्तविक नेत्र हैं। सामान्यतः इस अभिलिखित सामग्री की विश्वसनियता तथा प्रमाणिकता असंदिग्ध होती है। इन शिलालेखों ने वास्तव में इतिहास को नवीन दृष्ष्टि दी हैं और बून्दी इतिहास से सम्बन्धित अनेक जटिल गुत्थियाँ इनके माध्यम से सुलझ सकती हैं। इसी भावना एवं बून्दी में ऐतिहासिक स्रोतों की कमी से प्रेरित होकर लेखक ने इस पुस्तक की रचना करने का महान कार्य हाथ में लिया। इस पुस्तक लेखन में लेखक ने प्रकाशित हिन्दी व अंग्रेजी के साहित्यिक ग्रन्थों राष्ट्रीय व राज्य अभिलेखागारों से प्राप्त सामग्री व पाण्डुलिपियों के अलावा मुख्यरूप से बुन्दी के प्रत्येक गाँव-गाँव व नगर-नगर घूम-घूमकर शिलालेखों की खोज कर उनका गहनता से अन्वेषण व विश्लेषण किया है। पुस्तक रचना का मुख्य उद्धेश्य बून्दी राज्य के इतिहास की त्रुटियों को परिष्कृत करना, इतिहास के लुप्त पृष्ष्ठों को जानना एवं शिलालेखों के प्रति जन जागृति व चेतना जाग्रत करने के साथ-साथ पर्यटन की संभावना को प्रसारित करना है। यहीं नही इस पुस्तक में बून्दी के शिलालेखों की प्रथम बार गवेषणा कर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विषयों को केन्द्र में रखा गया है।
Bundi Ke Shilalekh
बूंदी के शिलालेख (ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन)
Author : Sampurnanand Singh
Language : Hindi
Edition : 2018
ISBN : 9789384168094
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹359.00
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